मंगलवार, अप्रैल 15, 2025
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ढॅूढतेे हो छायीं पेड़ को उखाड़कर, बने हैं कई मकान रिश्ते बिगाड़कर, तालीम भी तुमसे बदनाम हो गयी, पायी है डिग्री जो तुमने जुगाड़कर, ...
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गुनाह कुछ ऐसा किया है मैंने दोस्त नाम दुश्मन को दिया है मैंने खुद और खुदा की पहचान सिर्फ जिंदगी को अकेले ही जिया है मैंने .........दोस्त मेर...
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तुम ज्यादा थे या कम नशे में थे, हम कैसे बताएं खुद हम नशे में थे, जश्न जन्मदिन का पीकर मनाने वाले, मौत का मना रहे मातम नशे में थे, तेरी सित...
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