नादान की नादानी
नीचे जमीं ऊपर आसमान रहने दो, समझदार बनो तुम मुझे नादान रहने दो ।
बुधवार, अगस्त 11, 2010
यह कौन चित्रकार है .....................
1 टिप्पणी:
Usman
11 अगस्त 2010 को 11:13 am बजे
nice
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