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मार्च 1, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
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तीर नज़रों से चलाये जा रहे है क्या बात है जो मुस्कराएँ जा रहे है नादान
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शहर के महान लोगो के साथ लाल कोट में नादान ..................................................नादान
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श्री मोहन लाल जी श्री बीर बहादुर जी श्री पूरन जी श्री उमेश प्रसाद जी श्री प्रेम सिंह नेगी जी श्री रामधीर जी सभी फिल्म्स प्रभाग भारत सरकार के रत्न है ।
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शत शत नमन महान नानाजी देशमुख को

२७ फरवरी २०१० को ज्ञात हुआ कि वर्तमान गन्दी राजनीति में एक ऐसा भी व्यक्ति था जिसे वास्तविक रूप में जनता का सेवक कहा जा सके , ९३ वर्ष की आयु में नानाजी देशमुख का देहांत २६ फ़रवरी २०१० को होने के पश्चात् समाचार पत्रों के माध्यम से इस महान सेवक के कभी न भुला पाने वाले सुकर्मो की जानकारी हुई , इस महान नेता ने ६० वर्ष की उम्र पूरी होने पर राजनीति से सन्यास लेकर जनता की सेवा करने का जो संकल्प लिया वो आधुनिक राजनीति के लिए एक सीख होनी चाहिए लेकिन कोई दूसरा नेता नानाजी नहीं बनते दिखा, जीवन को उच्च आदर्शो से जीने वाले नाना ने अपना पार्थिव शरीर एम्स दिल्ली को समर्पित कर सच्चे रूप में अमरत्व प्राप्त कर लिया। महाराष्ट्र में जन्मे नानाजी ने उत्तर भारत में दीनदयाल अनुसन्धान खोल कर इसी को अपनी कर्मभूमि बना लिया। बाल ठाकरे और राज ठाकरे जैसे संकुचित मानसिकता के लोगो को और सत्ता के लिए लालायित नाम मात्र के जनता के सेवको को नानाजी से सीख लेनी चाहिए, धन्य है नानाजी आप, नादान आपको शत शत नमन करता है।

रंगों का मज़हब

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सभी रंगों ने आपस में मिल कर, मिटा दिया है अपना अस्तित्व। भुला दिया है अपना धर्म, नही रहा भेद भाव का तत्त्व। नहीं रह गयी इनकी पहचान, इनसे कुछ सीखेगा इन्सान ?