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मई 17, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मौकापरस्त

पहले तू कहता है मगर फिर आप कहता है चुनावी दौर है नेता गधे को बाप कहता है अबकी एक बार दे दो एक मौका पिछली गलती करदो माफ़ कहता है........... नादान

करूणानिधि की पुकार

नमक डाल दिया क्यूँ मेरे घाव में छेद कर दिया डूबती नाव में अब क्या होगा मेरे परिवार का सत्ता भी गयी अबकी चुनाव में .................... नादान

ऊँचा सोचो .........................

सैकड़ो चुरा कर बईमान हो जाओगे करोडो चुराओ तो महान हो जाओगे एक बार लड़कर चुनाव देखिये बन गए मंत्री तो भगवन हो जाओगे ............. नादान

दिल खोल के लूटो OFFER

न गरीबी हटाने के लिए न आतंकवाद मिटाने के लिए वो आये चुनाव मैदान में सरकारी खजाने के लिए............. नादान

खामोश................

कीमत पेट्रोल की बढ़ रही कितनी रफ़्तार से कराह रही है जनता महंगाई की मार से वोह तो विदेशी है शिकायत नहीं उनसे खामोश इस कदर रहेंगे यह उम्मीद न थी सरदार से NADAN