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रिश्ते का रिचार्ज कर दिया प्रधानमंत्री जी ने.........................

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भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की विधान सभा के माननीय अध्यक्ष व 403 माननीय विधायकों के मुखिया आदरणीय दीक्षित साहब जी का ऊर्जावान लेख

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मुख्यमंत्री योगी का पिता की मृत्यु होने पर भी प्रदेश को न छोड़ना एंव अंतिम दर्शन को न जाना एक ऐसी नजीर जिसने रिश्ते को नही सूबे की आवाम को तरजीह दी...................पढ़िए मुकेश नादान की कलम से

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          पिता से भी बढ़कर , आपके आवाम से रिश्ते निकले           हम तो इंसान समझे योगीजी आप तो   फरिश्ते निकले ।...नादान जी हाँ , ऊपर लिखी मेरी दो पंक्तियाँ बिल्कुल वाजिब हैं सूबे के सबसे बड़े राजनीतिक ओहदे पर बैठे सन्त की शान में जिसने 23 करोड़ प्रदेश की आवाम को कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिए फैसला किया कि वो मरहूम हुए पिता के आखिरी दीदार और जनाजे में शामिल नही होंगे। 20 अप्रैल 2020 को दोपहर को सारे टी 0 वी 0 चैनलों पर एक ही खबर बार बार दिखायी जा रही थी और वो खबर थी दिल्ली के एम्स में भर्ती आनन्द सिंह बिष्ट जी के निधन की , 90 साल के बिष्ट जी पिछले कुछ समय से बीमार थे और उनका इलाज नई दिल्ली के एम्स में चल रहा था । कभी कभी व्यक्ति का परिचय व्यक्ति के   व्यक्तित्व से बहुत बड़ा हो जाता है , यह सौभाग्य दिवंगत बिष्ट जी को मिला था अपने पुत्र के सुकर्मों से , जी हाँ देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता थे आनन्द सिंह बिष्ट जिनके देहान्त की खबर से पूरा देश शोकाकुल हो गया था। पिता के देहान्त की सूचना सुनकर कोई भी विचलित हुए बिना नही रह