ना आवाम के रहे , ना राम के रहे , सत्ता पाने के बाद कहाँ किसी काम के रहे। नादान
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फ़रवरी 16, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
नीचे जमीं ऊपर आसमान रहने दो, समझदार बनो तुम मुझे नादान रहने दो ।