नादान की नादानी
नीचे जमीं ऊपर आसमान रहने दो, समझदार बनो तुम मुझे नादान रहने दो ।
शुक्रवार, फ़रवरी 16, 2018
zindagi guzar gayee
कली बनी, फूल बनी , और पंखुड़ी बन बिखर गयी ,
हम समझ न पाए ठीक से और ज़िन्दगी गुज़र गयी
नादान
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