नादान की नादानी
नीचे जमीं ऊपर आसमान रहने दो, समझदार बनो तुम मुझे नादान रहने दो ।
शनिवार, फ़रवरी 12, 2011
बेकार आदमी
बैंक वालो मुझे समझ नहीं आया
तरीका तुम्हारे व्यापार का,
मोहल्ले में जो आदमी था बेकार का
बना दिया तुमने मालिक उसको कार का
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