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फ़रवरी 14, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
जब से कुकर घर में आया स्वाद गया है खाने का घर घर में चलन बढ़ा है चाउमीन बर्गर लाने का माँ बाप को शौक बहुत है बच्चों को पढ़ाने का स्कूल वाले मांगे फीस तो बिना बात लड़ जाने का बाप चलेगा साइकिल से बेटा बाइक से जाने का अम्मा की दवा से पहले मोबाइल रिचार्ज कराने का छीन लिया है सी डी ने समय पढने और पढ़ाने का फर्स्ट डिविजन फ़ैल हुए तो टीचर पर दोष लगाने का
चंद रूपये जब से कमाने लगे है बेअदबी से पेश आने लगे है सीखा है जिससे उंगुली पकड़ के चलना उनको ही रास्ता दिखाने लगे है घरवाले पाते है मुश्किल से दाल रोटी वो होटल में बिरयानी खाने लगे है हाई स्कूल मुश्किल से पास करके जनाब डिग्री कॉलेज चलाने लगे है लगता है फिर चुनाव आने वाले है तभी नेताजी नज़र आने लगे है सीने से लगा रखा है लैपटॉप उसने माँ बाप उसको पुराने लगे है उम्र जिसकी गुजरी है जेल में अब वोह जेल मंत्री कहलाने लगे है बेकार आदमी कार पर चलता है बैंक वाले क्या गुल खिलने लगे है दवा के दामो से कोई नहीं डरता डाक्टर की फीस से घबराने लगे है हमने बनाया काबिल जिन्हें अपने लहू से नादान वोह हमको बताने लगे है