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फ़रवरी 27, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जय हो सचिन...............

दोहरे शतक का देख धमाका होली में भी दागे पटाखा पूरा विश्व है नतमस्तक सीना चौड़ा भारत माँ का कोई क्रिकेट का भगवान कहे कोई कहे क्रिकेट का आका चाहे कुछ भी कह लो पर लाल है वो भारत माँ का २४ को ही जनम तुम्हारा २४ को ये ग़ज़ब नज़ारा तानसेन की नगरी में कौन सा था सुर तुम्हारा छोटे कद के काम बड़े किये भारत के नाम बड़े जैसे बढे उम्र तुम्हारी दे रहे अंजाम बढे तुमसे खेल की जान है तुमसे ही अपनी शान है तुम जैसे नगीनो से भारत बना महान है............. नादान

मतभेद

शिकवा किस से करे खुद जिस्म में ही मतभेद हो गए पलकें काली है अबतक बाल सर के सफ़ेद हो गए भरा था जिस मटके में इज्ज़त का पानी आयी जवानी तो उसमे भी छेद हो गए ............... अम्मा तुझसे देखी न गयी मेरी आज़ादी तुझे मिली बहु और हम क़ैद हो गए ............ जब तक थी मोहब्बत सब ठीक ही रहा निकाह होते ही हम में विभेद हो गए ............. नादान