शनिवार, फ़रवरी 27, 2010
मतभेद
शिकवा किस से करे
खुद जिस्म में ही मतभेद हो गए
पलकें काली है अबतक
बाल सर के सफ़ेद हो गए
भरा था जिस मटके में इज्ज़त का पानी
आयी जवानी तो उसमे भी छेद हो गए ...............
अम्मा तुझसे देखी न गयी मेरी आज़ादी
तुझे मिली बहु और हम क़ैद हो गए ............
जब तक थी मोहब्बत सब ठीक ही रहा
निकाह होते ही हम में विभेद हो गए .............
नादान
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ढॅूढतेे हो छायीं पेड़ को उखाड़कर, बने हैं कई मकान रिश्ते बिगाड़कर, तालीम भी तुमसे बदनाम हो गयी, पायी है डिग्री जो तुमने जुगाड़कर, ...
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मरने के बाद भी हमको खूब सताया गया, मारा रिश्तों ने इल्जाम बीमारी पर लगाया गया। @Nadan 31 Aug 2022
भाई कमाल का लिखा है ... मज़ा भी है,अनोखी बातें भी और नीचे आपका दर्द भी:
जवाब देंहटाएंअम्मा तुझसे देखी न गयी मेरी आज़ादी
तुझे मिली बहु और हम क़ैद हो गए ...
नए ब्लॉग की बधाई