खामोश .काम करने दीजिये
जब से चश्मा लगाने लगे हैं व्यस्त ज्यादा ही आने लगे हैं नैना अब महफूज हो गए हैं साइकिल भी तेज चलाने लगे हैं सुनकर पहले मुस्कराए जनाब बाद में हम पर गुस्साने लगे हैं कहते हैं लिखकर दे दूंगा यह सब ही हमको सताने लगे हैं काम बड़े कर रहे बचपन से "नादान" अब खुद को बताने लगे हैं