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Kusoor Gareeb ka nikla

  गजब नसीब उस बदनसीब का निकला, कातिल उसका, उसके करीब का निकला, अदालत ने अमीरों को बाईज्जत बरी किया, जाॅच में कुसूर सारा गरीब का निकला।                                                                                                   @ Nadan                                                                                                    31st Aug 2022

Rishte Bigadkar..................

 ढॅूढ रहा है छायीं पेड़ों को उखाड़कर, इन्सान मकान बना रहा रिश्ते बिगाड़कर, तालीम  भी तुमसे बदनाम हो रही है, पा ली है मियॉ तुमने  डिग्री जुगाड़कर, कोई देख भी ले तो  शर्मिन्दा न हो, इन्सान होकर बस इतनी तो आड़कर, बढ़ा रही है जो नफरतें इन्सान में, खत्म कर दो उन किताबों को फाड़कर, जिसके लिए है नादान उसके नाम कीजिए रखकर परदे में  ना हुस्न को कबाड़कर।                                                               @Nadan                                   31st Aug 2022 Wednesday

दवा से ज्यादा प्यार की जरूरत है.........................

बजुर्गों की सेहत को सुधार की जरूरत है, इनको दवा से ज्यादा प्यार की जरूरत है, हड़बड़ी न करो मियॉ नाकाम हो जाओगे, कामयाबी के लिए इन्तजार की जरूरत है  ।   @ Nadan

लघुकथा ----- Personal Vs Professional

  01 रामू मिस्त्री समय से डाॅक्टर साहब के घर पहुॅच गया था , वो एक मरीज देख रहे थे । रामू को देखते ही बोले अरे बैठो मिस्त्री अभी चलता हूॅ। रामू बैठ गया। मरीज को डाॅक्टर साहब ने कुछ सलाह दी और कहा कि यह दवा बाजार से ले लेना । मरीज नमस्ते करके चलने लगा , डाॅक्टर अरे यार फीस तो दे जाओ , मरीज बोला डाॅक्टर साहब हम आप बचपन मे एक साथ खेले हैं दोस्त रहे हैं । डाॅक्टर ने कहा अरे भाई यह मेरा पेशा है इसमें दोस्ती को मत लाओ । मरीज बोला अरे तुमने सिर्फ सलाह ही तो दी है दवा तो बाहर से ही लेनी है मुझे। डाॅक्टर ने उत्तर दिया सलाह तो मैं तुम्हें तभी दे पाया ना जब मैं इस काबिल बना , लाओ मेरी फीस 500 रूपए समय बर्बाद मत करो। मरीज मायूस हो गया और फीस देकर चला गया। 02 डाॅक्टर साहब ने रामू मिस्त्री को लगभग एक घंटा   पूरा घर उपर से नीचे तक घुमाया कहाॅ क्या बनेगा उसमे क्या क्या सामान लगेगा कितने दिन लगेंगे कितने लोग काम करेंगे। रामू ने सब कुछ बताया। डाॅक्टर साहब बोले ठीक हैं फिर मिलते हैं , जब शुरू करेंगे तब मैं तुम्हें बुला लुॅगा , कहकर डाॅक्टर दरवाजा बन्द करने लगे। रामू ने कहा सर रूकिए यह लीजिए एक का

चुरा के दिल तमाम का................

चित्र
 

खाने से ज्यादा आदमी दवाई खा रहा है....................

रिश्वत या हराम की कमाई खा रहा है, खाने से ज्यादा आदमी दवाई खा रहा है, मयस्सर नही बच्चों को दूध एक वक्त साहब के घर कुत्ता मलाई खा रहा है, होकर बड़ा आदमी कालोनी में जा बसा, खामोशी पी रहा है अब तन्हाई खा रहा है, शौहर कमाकर खिलाए तो कोई बात नही, बेगम कमाए तो कहे औरत की कमाई खा रहा है बाप दादा का नाम मिटटी में मिलाकर अपनी को बेच जमीन पराई खा रहा है, जैसी करनी वैसी भरनी देख ले नादान, घर दमादू के घर बैठकर घर जमाई खा रहा है। @Nadan