यह चित्र मार्च नौ २०११ का है , समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता आनंद सिंह भदौरिया को लखनऊ के डीआई जी डी के ठाकुर ने बाल पकड़ कर खीचा और पैरों तले रौंदा। लेकिन जब सरकार बनेगी तब शायद ही भदौरिया जी को मंत्री पद मिले तब रिश्तेदारों को ही सर्वोपरि रखा जायेगा.
बुधवार, मार्च 09, 2011
दया रही न बाकी,जब पहन ली है खाकी
यह चित्र मार्च नौ २०११ का है , समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता आनंद सिंह भदौरिया को लखनऊ के डीआई जी डी के ठाकुर ने बाल पकड़ कर खीचा और पैरों तले रौंदा। लेकिन जब सरकार बनेगी तब शायद ही भदौरिया जी को मंत्री पद मिले तब रिश्तेदारों को ही सर्वोपरि रखा जायेगा.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ (Atom)
-
मरने के बाद भी हमको खूब सताया गया, मारा रिश्तों ने इल्जाम बीमारी पर लगाया गया। @Nadan 31 Aug 2022
-
ढॅूढतेे हो छायीं पेड़ को उखाड़कर, बने हैं कई मकान रिश्ते बिगाड़कर, तालीम भी तुमसे बदनाम हो गयी, पायी है डिग्री जो तुमने जुगाड़कर, ...