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सितंबर 7, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ईद मुबारक!

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ख़ुदाया बना कोई ऐसा निज़ाम , जहाँ सबकी ख़ुशियों का हो इंतज़ाम । रहे गर न बाक़ी कोई बदनसीब , तो हो जाए ' अनवार ' अपनी भी ईद ।