नादान की नादानी
नीचे जमीं ऊपर आसमान रहने दो, समझदार बनो तुम मुझे नादान रहने दो ।
मंगलवार, अप्रैल 28, 2020
कोरोना योद्धाओं को समर्पित मेरी कविता
कोरोना योद्धाओं को समर्पित मेरी कविता को अवधनामा अखबार ने
छापकर सम्मानित किया आपका आभार सम्पादक महोदय और आपकी टीम को
लेकिन इन्होनें मुझे नादान मानने से इंकार कर दिया और मुकेश कुमार ही चित्र के साथ छापा है
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