शालिनी, मानस और शिखर तीनो १५ अगस्त २०१० को स्कूल जाने के लिए तैयार तीनो ख़ुशी दिखाई दे रहे लड्डू मिलेंगे न भाई तो खुश क्यों न हो...................................
शनिवार, सितंबर 04, 2010
पढोगे लिखोगे बनोगे नवाब
सदस्यता लें
संदेश (Atom)

-
गुनाह कुछ ऐसा किया है मैंने दोस्त नाम दुश्मन को दिया है मैंने खुद और खुदा की पहचान सिर्फ जिंदगी को अकेले ही जिया है मैंने .........दोस्त मेर...
-
ढॅूढतेे हो छायीं पेड़ को उखाड़कर, बने हैं कई मकान रिश्ते बिगाड़कर, तालीम भी तुमसे बदनाम हो गयी, पायी है डिग्री जो तुमने जुगाड़कर, ...