लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप लेखक: Mukesh 'nadan' - जुलाई 24, 2010 चार दिन की ज़िन्दगी लुफ्त उठाते रहिये शहर में अपनी भी पहचान बनाते रहिये कौन है ज़माने में जिसे गम नहीं अपनों के बीच यूँही मुस्कराते रहिये और पढ़ें
दोस्त दो न रहा लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप लेखक: Mukesh 'nadan' - जुलाई 24, 2010 अजब ज़माने का मंजर दिखाई देता है जहाँ कल खेत थे वहां बंजर दिखाई देता है दुश्मनों की बात क्या करें नादान दोस्तों के हाथ में भी खंजर दिखाई देता है और पढ़ें