दोस्त दो न रहा


अजब ज़माने का
मंजर दिखाई देता है
जहाँ कल खेत थे
वहां बंजर दिखाई देता है
दुश्मनों की बात क्या
करें नादान
दोस्तों के हाथ में
भी खंजर दिखाई देता है

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

लघुकथा ----- Personal Vs Professional