तुम ज्यादा थे या कम नशे में थे, हम कैसे बताएं खुद हम नशे में थे, जश्न जन्मदिन का पीकर मनाने वाले, मौत का मना रहे मातम नशे में थे, तेरी सितमगरी का कभी बुरा नही माना, हम पर किए गए तेरे सितम नशे में थे मुफ्त पीने वाले इफरात पीकर गिर पडे़, जेब से पीने वाले मिले कम नशे में थे, ज्यादा पीने वालों को छोड़ दिया पुलिस ने, जेल भेजे गए वो जो कम नशे में थे, खुशी के मौके पर पी लेता हूॅ थोड़ी सी ये कहने वाले नादान मिले हरदम नशे में थे । @ Nadan
Anwarul bhai ghazab ki soch ghazab ki kahani likhi hai aapne,bahut umda shabdo ke rang peeroye hai.
जवाब देंहटाएंwith regards
Nadan