नादान की नादानी
नीचे जमीं ऊपर आसमान रहने दो, समझदार बनो तुम मुझे नादान रहने दो ।
शुक्रवार, अगस्त 13, 2010
सुनहरी यादें
श्री एस पी सिंह फिल्म्स डिविजन भारत सरकार के कंप्यूटर पर नादान
1 टिप्पणी:
Harsh
17 अगस्त 2010 को 1:49 am बजे
Aji kya baat hai .. :D :D :D
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(शीर्षकहीन)
नादानी
ढॅूढतेे हो छायीं पेड़ को उखाड़कर, बने हैं कई मकान रिश्ते बिगाड़कर, तालीम भी तुमसे बदनाम हो गयी, पायी है डिग्री जो तुमने जुगाड़कर, ...
Marne ke baad sataya gaya
मरने के बाद भी हमको खूब सताया गया, मारा रिश्तों ने इल्जाम बीमारी पर लगाया गया। @Nadan 31 Aug 2022
Aji kya baat hai .. :D :D :D
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