नादान की नादानी
नीचे जमीं ऊपर आसमान रहने दो, समझदार बनो तुम मुझे नादान रहने दो ।
रविवार, सितंबर 12, 2010
यह दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे
फेमिना के बगल में शिखर उनके बगल में अनसु लखनऊ की दिलकुशा कालोनी में ईद के मौके पर .............हैप्पी ईद
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(शीर्षकहीन)
Marne ke baad sataya gaya
मरने के बाद भी हमको खूब सताया गया, मारा रिश्तों ने इल्जाम बीमारी पर लगाया गया। @Nadan 31 Aug 2022
नादानी
ढॅूढतेे हो छायीं पेड़ को उखाड़कर, बने हैं कई मकान रिश्ते बिगाड़कर, तालीम भी तुमसे बदनाम हो गयी, पायी है डिग्री जो तुमने जुगाड़कर, ...
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