मंगलवार, जून 22, 2010
तो कोई बात hai
रोते को हँसाओ तो कोई बात है
भेदभाव मिटाओ तो कोई बात है
अपनों को तो अपना बना लेते है सब
गैरों को अपना बनाओ तो कोई बात है
बेवजह
मोदी बनाम नितीश
जनता के पांच करोड़ की रकम पर दोनों ही ताल ठोक रहे है जो की लोकतंत्र के लिए नुक्सान दायक है और किसी भी तरह से गरीब जनता के हित में नहीं है सभ्य नेताओ से अनुरोध है की जनता की टैक्स की कमी को अपनी न समझे और आप खुद भी जनता के सेवक है न की मालिक इस लिए इस मुद्दे को ख़त्म कर दे बेहतर होगा.
रविवार, जून 06, 2010
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