यह चश्मे वाले साहेब हैं जनाब मानस जी उनके ठीक बांये है शिखर मुकेश और उनके बांये है शालिनी मुकेश तीनो ही अपनी शरारतों के लिए घर को अखाडा बना सकने की ताक़त रखते है इसलिए मई इन्हें कहता हूँ ........न्यू थ्री इदिओत्स.............कहो कैसी रही
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ढॅूढतेे हो छायीं पेड़ को उखाड़कर, बने हैं कई मकान रिश्ते बिगाड़कर, तालीम भी तुमसे बदनाम हो गयी, पायी है डिग्री जो तुमने जुगाड़कर, ...
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मरने के बाद भी हमको खूब सताया गया, मारा रिश्तों ने इल्जाम बीमारी पर लगाया गया। @Nadan 31 Aug 2022
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