भय बिन होय न प्रीत.....


भय बिन होय न प्रीत......इन पाॅच शब्दों में गहरा रहस्य छिपा है कि जब भी मनुष्य पर मुसीबत आती है तो वो उस मुसीबत से निजात दिलाने वाले लोगों के लिए कितना संस्कारी और नरम हो जाता है, भले ही सामान्य दिनों में अपशब्दों से लेकर मारपीट करने में पीछे न रहता हो, जब कारगिल का युद्व चल रहा था तो लोगो में सेना के प्रति सम्मान चरम पर था, भले ही फौजी भाई को रेल मे बैठने को सीट न दें, गाॅव मे उनकी जमीन कब्जा कर लें, इस दौर में जो सम्मान उनका मिल रहा था उसमें उनके कर्म से ज्यादा अपनी सुरक्षा नजर आ रही थी।
आज के अखबर में एक तस्वीर छपी, देखी, पढ़ी मन में कुछ विचार आए जो आपके सामने साझाा कर रहा हूॅ, तस्वीर इस लेख के नीचे दिख रही है। कोरोना से लड़ने वाले इज्जतकर्मियों का सम्मान किया गया। (इज्जतकर्मी नाम मोदी जी ने दिया है, हालांकि लोग इस नाम को प्रयोग करने मे इज्जत महसूस नही करते हैं ) इसके अलावा शीतला माता के हाथ में झाड़ू  इज्जतकर्मियों की महत्ता पर प्रकाश डालने के लिए काफी है ।  
यह वो इज्जतकर्मी हैं जो हर मौसम में मौसम के सितम सहता है, महसूस कीजिए आपके गल्ली मोहल्ले और शहर की सलामती के लिए ये खुद को जोखिम में डाले हुए हैं, उसके बावजूद इसे संस्थाएं एंव ठेकेदार कटौती करके तीन तीन महीने बाद वेतन देते है, दो कौड़ी का व्यक्ति भी गाली दे देता है, दबंग क्षेत्रीय व्यक्ति या नेता जरा सी बात पर पूरे खानदान को तौल देता है । कलेजा हिल जाता है जब अखबार में खबर आती है कि 23 साल का कल्लू सीवर में दम    घुटने से मरा, पिछले महीने हुई थाी शादी।
क्या कल्लू का गुनाह यह था कि वो परिवार को चलाने के लिए यह काम करता था या उसका गुनाह यह था कि वो इस काम के अलावा दूसरा काम क्यों नही कर रहा था।
दोस्तों, सम्मान के वास्तविक हकदार यही हैं, सिर्फ कोरोना काल में नही हर काल में, हम सबका जीवन और  सेहत साफ सफाई के वातावरण में ही सुरक्षित हैं, इसलिए आप सब से निवेदन है कि इनको हमेशा इज्जत दीजिए और एक फूल माला से नही अगर आप इसमें से किसी एक के बच्चे को उच्चशिक्षित होने में मदद कर दें तो आपका यह प्रयास समाज और देश के लिए हितकारी होगा। इनमें से कई इज्जतकर्मी तो ऐसे हैं जो यह सपना देखते हैं कि उनके बच्चे भी पढ़ लिखकर कुछ बन जाएं, इनके बच्चे योग्य भी है, लगनशील भी हैं, कमी है तो बस मार्गदर्शन की। अब गेंद आपके पाले में हैं कि आप मौकापरस्त हैं या वास्तविक और निरंतर इज्जत देने वाले।
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