नादान की नादानी
नीचे जमीं ऊपर आसमान रहने दो, समझदार बनो तुम मुझे नादान रहने दो ।
गुरुवार, मार्च 11, 2010
देश
को
आगे
ले
जाने
के
लिए
देश
के
हर
व्यक्ति
को
चाहे
वोह
भी
किसी
रुतबे
पर
क्यों
न
हो
इन
शब्दों
का
पालन
करना
चाहिए
.........आप से नादान की यही गुज़ारिश है ......
जय
हिंद
.....
जय
भारत
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(शीर्षकहीन)
Marne ke baad sataya gaya
मरने के बाद भी हमको खूब सताया गया, मारा रिश्तों ने इल्जाम बीमारी पर लगाया गया। @Nadan 31 Aug 2022
नादानी
ढॅूढतेे हो छायीं पेड़ को उखाड़कर, बने हैं कई मकान रिश्ते बिगाड़कर, तालीम भी तुमसे बदनाम हो गयी, पायी है डिग्री जो तुमने जुगाड़कर, ...
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