वो जमाना अच्छा था

गरीब था हर शख्स
पर सच्चा था
आज के ज़माने से
वो जमाना अच्छा था

अब तो अपने भी
इज्ज़त करना भूल गए
उस वक़्त इज्ज़त देता
मोहल्ले का हर बच्चा था ..............आज के ज़माने से

पक्का हुआ मकान जब से
जेब खाली हो गई
दो चार हज़ार पास थे
जब घर अपना कच्चा था ...........आज के ज़माने से

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

लघुकथा ----- Personal Vs Professional

पढोगे लिखोगे बनोगे नवाब