नादान की नादानी
नीचे जमीं ऊपर आसमान रहने दो, समझदार बनो तुम मुझे नादान रहने दो ।
शनिवार, फ़रवरी 12, 2011
बेकार आदमी
बैंक वालो मुझे समझ नहीं आया
तरीका तुम्हारे व्यापार का,
मोहल्ले में जो आदमी था बेकार का
बना दिया तुमने मालिक उसको कार का
1 टिप्पणी:
जय कौशल
7 मार्च 2011 को 9:02 pm बजे
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(शीर्षकहीन)
Marne ke baad sataya gaya
मरने के बाद भी हमको खूब सताया गया, मारा रिश्तों ने इल्जाम बीमारी पर लगाया गया। @Nadan 31 Aug 2022
नादानी
ढॅूढतेे हो छायीं पेड़ को उखाड़कर, बने हैं कई मकान रिश्ते बिगाड़कर, तालीम भी तुमसे बदनाम हो गयी, पायी है डिग्री जो तुमने जुगाड़कर, ...
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