सांसद निधि हुई पांच करोड़, चुनाव लड़ मौका न छोड़
वित्त वर्ष २०११ से सांसद निधि दो करोड़ से बढ़कर पांच करोड़ हो जायेगी यह समाचार १२ मार्च २०११ को पेपर में पढ़ा तो सोमनाथ दादा की याद आ गयी उन्होंने सांसद निधि ख़त्म करने का प्रस्ताव रखा था लेकिन किसी ने नहीं मानी। निधि बढ़ाये जाने का सभी सांसदों ने स्वागत किया है, हालाँकि यह तो वक़्त ही बताएगा की देश में गरीबो की संख्या कम होगी या अमीरों की संख्या बढ़ जायेगी । देश पर रुपये २३७० करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढेगा, कोई बात नहीं टेंशन नहीं लेने का, कर्ज लेकर इसे भी पूरा किया जायेगा और आम आदमी पर इसे महगाई के रूप में लाद दिया जायेगा। गरीब को और गरीब बनाने का एक और मौका सरकार ने आम आदमी को दिया है.
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