तुम भी तैयारी करो हम भी तैयारी करें ,
पेचिदगी मोहब्बत में ख़तम सारी करें ,

हल्के लोगों के यहाँ रिश्ता न कीजियेगा ,
कभी चैन मोटी माँगे कभी अँगूठी भारी  करें ,

लाखों लग जाएंगे मुकदमेबाज़ी में नादान 
क्यों हज़ारो की जमीन पर मारामारी करें,

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