लाश से खीच लूँ कफ़न साथियों
देश से बड़ा है धन साथियों
मंत्री बनकर सब बेच जाऊंगा
फिर तुम्हारे हवाले वतन साथियों

नादान

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

लघुकथा ----- Personal Vs Professional

पढोगे लिखोगे बनोगे नवाब