LOCKDOWN...........HAI BHAI
सैल्यूट तुझे ऐ मेरे देश.................तमाम उतार चढ़ाव और अफवाहों के बावजूद हर शख्स लगा है सेवा में हालांकि कुछ बेवकूफ भी हैं पर उनका प्रतिशत समझदारों से कम है, इसलिए वो दीपावली के अनार की तरह जलते तो हैं पर बहुत ही जल्दी फुस्सस... हो जाते हैं। हमें उन पर ध्यान ही नही देना चाहिए कारण यह है कि जानवर हिंसक और पॅापुलर तभी होते हैं जब उन पर ज्यादा ध्यान दिया जाए, मैं उन बेवकूफों को जानवर नही कह रहा हॅू, वो समझे तो यह उनका अपना दर्द है। इसके अलावा सरकार और सरकारी सेवक सफाई से सिपाही तक, थानेदार से जिलेदार तक, कम्पाउडर से डाॅक्टर तक, बैंक वाले, बिजली वाले, मीडिया वाले आदि सब मिलकर लगे हैं अपने देश की और जन की सेवा में कहीं कहीं तो ऐसी तस्वीरें दिख रही हैं कि थाने मे खाना बन रहा है, बच्ची ने गुल्लक तोड़कर पैसे पुलिस अंकल को मदद के लिए दे दिए, कहीं पति पत्नी को कन्धे पर बैठाकर पैदल चल पड़ा। एन बी टी के सुधीर मिश्रा जी ने एक ऐसी तस्वीर से रूबरू कराया कि दूर के नाते रिश्तेदार लकवा से ग्रस्त एक बुजुर्ग को बल्ली के सहारे झूला बनाकर दिल्ली से पैदल ही लेकर लखनऊ आ गए। कुछ दुकानदारों ने मौका का फायदा उठाया 3 का सामान 13 में बेचना शुरू किया था कि बनारस के डी एम और एस एस पी साहब खुद ही ग्राहक बनकर पहुॅच गए जब पोल खुली तो लगे लाला जी दैया मैया करने। यह दुख भरा कोरोना कुछ खुशी भी लेकर आया, इससे पत्नियॅा बहुत खुश है क्योंकि पीकर इंगलिश बोलने वाला पति, पान मसाले की बदबू से पूरे घर को महकाना वाला पति बिल्कुल राईट टाईम है, दारू पीकर बवाल मचाने का बहाना खत्म, सुना है कई तो कूटे भी गए हैं अरे पति नही भाई वो लोग जो लाॅकडाउन तोडकर बाहर चैराहे पर आए थे पुलिस भाई की लाठी चिल्लाने लगी हमउ का काम पर लगाओ तो उन्होने दो चार चला दी लाठी, पुलिस और लाॅकडाउन ब्रेकर तीनों खुश। जय हो इस देश की बस प्यार से यह बाकी के दिन और गुजर जाएं। जयहिन्द
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