TUMHARA FAAYDA TO NAHI HUA...........


तुम्हारा फायदा तो नही हुआ मेरे नुकसान से,
दिल में  मोहब्बत लिए नफरत फैला दी जुबान से,

मोहब्बत से मिले थे तो मोहब्बत से जुदा होते,
क्या जरूरत थी की खेलते तुम किसी की जान से,

रिश्ता तोड़ दिया तुमने कामयाब होने के बाद,
ताउम्र दबे रहोगे तब भी मॅा बाप के अहसान से,

खुदा  और भगवान तुम्हारे हो ही नही सकते,
क्योंकि तुम्हें नफरत है उसके ही इंसान से,

भूख भी एक जैसी है अपनी दर्द भी एक जैसा है,
फिर कब उठेंगे ऊपर हम हिन्दू और मुसलमान से,

न चेहरे पर चमक न होंठों पर मुस्कान है तुम्हारे,
सब खो दिया तुमने ऐ दोस्त दूर होकर नादान से ।

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