संदेश

मई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रोटी की तलाश

चलो खत्म हुई, रोटी की तलाश बोली, हादसे के बाद, मजदूर की लाश बोली।

कोरोना काल में प्रासंगिक यह मुहावरा.....................जंगल मे मोर नाचा किसने देखा...........

       मेरे एक बहुत ही करीबी हैं उनसे क्या रिश्ता है मैं आज तक निर्धारित नही कर पाया हूॅ क्योंकि जिस भी रिश्ते के दायरे में उनको लाना चाहता हूॅ उनके व्यक्तित्व के आगे हर रिश्ता छोटा नजर आता है , फिर भी मैं उन्हें भैया कहता हॅू ।          उनका व्यक्तित्व उनके द्वारा ही निर्मित है, मंचों पर सम्मान प्राप्ति में उनका नाम उनके खानदान में सबसे टाॅप पर है, कमरे में जगह नही है, पुरस्कार और सम्मान में जो शील्ड मिली हैं वो रात में जगह प्राप्ति के लिए उधर खिसको दबे जा रहे हैं कहते हुए एक दूसरे से लड़ती हैं ।           हाॅ हर सम्मान के बाद अपने उद्बोधन में वो एक वाक्य को पिछले कई वर्षों से बोलते आ रहे हैं और वो यह कि आज मैं जो कुछ भी हूॅ उसका श्रेय अम्मा को जाता है । मेरी जानकारी में अपनी अम्मा और अपने बाबूजी को दो ही लोग हर मौके पर याद करते हैं, बाबू जी को याद करने वाले हैं सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और अम्मा को याद करने वाले यह हमारे भैया साहब ।          हम दोनो अक्सर मौका मिलते...
चित्र
लिखने वाले ने लिखी, हमारी किस्मत कितनी विचित्र है, माॅ को छीन लिया हमसे, रह गया पास  माॅ का चित्र है।

राजा और रंक सब कैद कोरोना में....................

करता तो वो मजदूरी का काम है, सुना है  पास  उसके   डिग्री तमाम है... हैराॅ हुआ देखकर गरीबों की  फेहरिस्त , गरीबे को छोड़, पूरे मोहल्ले का नाम है... अमीरों के माॅ बाप नौकरों के हवाले, ऐ गरीबों के बच्चों तुमको सलाम है... हो गए बदनाम मन्दिर ओ मस्जिद, जुबाॅ इंसान की कितनी बेलगाम है... अपनों की तहरीर पर लिखा मुकदमा, पुलिस तो बेचारी मुफ्त में बदनाम है... राजा और रंक सब कैद कोरोना में, आदमी कुछ नही वक्त का गुलाम है... मैं पड़ता नही जाति धर्म के चक्कर में, हिन्दू को नमस्ते, मुस्लिम को सलाम है... लड़का बिकाऊ है बाप बेच रहा है, शादी के नाम पर, दस लाख दाम है... बच्चो ने कर लिया कमरों में कब्जा, बाप है बाहर, मकान जिसके नाम है... ये मोहब्बत भी क्या चीज है नादान, ना उनको सुकून न हमको आराम है। नादान

Nadan

चित्र

नादानी

ढॅूढतेे हो छायीं पेड़ को उखाड़कर, बने हैं कई मकान रिश्ते बिगाड़कर, तालीम  भी तुमसे बदनाम हो गयी, पायी है डिग्री जो तुमने जुगाड़कर, कोई देखे भी  तो  शर्मिन्दा न हो, इन्सान है तू बस इतनी तो आड़कर, बढ़ा रही है जो दूरियाॅ इन्सान में, खत्म कर दो उन किताबों को फाड़कर, जिसके लिए है नादान उसके नाम कीजिए रखकर अपने पास ना हुस्न को कबाड़कर । नादान

LOCKDOWN .........04052020

चित्र

कुसूर सारा गरीब का

गजब नसीब उस बदनसीब का निकला, कातिल उसका, उसके करीब का निकला, अदालत ने अमीरों को बाईज्जत बरी किया, जाॅच में कुसूर सारा गरीब का निकला।
चित्र
आज की ताजा खबर: प्रदेश के सबसे बड़े कोरोना हाॅट स्पाॅट के नाम से चर्चा में आए कैन्ट लखनऊ के सदर बाजार स्थित कसाई बाड़ा क्षेत्र को अपनी मेहनत और सूझबूझ से रात दिन मेहनत करके स्थिति को काबू में करने वाले  पर्दे के पीछे के छावनी परिषद लखनऊ के योद्धाओं से रूबरू कराती खबर.............. कोरोना युद्ध में पर्दे के पीछे के असली हीरो जी हाॅ, पर्दे पर दिखने वाले हीरो के काम से बड़ा काम होता है पर्दे के पीछे के हीरो का जो दिखायी नही देता पर पर्दे के हीरो का रिमोट उसी के पास होता है,सही मायने में सफलता का असली हीरो यही रिमोटधारी होता है । इस खबर के माध्यम से जानिए प्रदेश के सबसे बड़े कोरोना हाॅटस्पाॅट के कुछ ऐसे ही पर्दे के पीछे के छावनी परिषद लखनऊ के हीरो को जिनकी मेहनत और सेवा से घटने लगी कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की संख्या। चर्चा में आया सबसे बड़ा कोरोना हाॅटस्पाॅट क्षेत्र सदर बाजार का कसाई बाड़ा लखनऊ छावनी में ही स्थित हैं, इस क्षेत्र ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इतने संवेदनशील हाॅटस्पाॅट क्षेत्र के साथ ही सेना के मध्य कमान का मुख्यालय, कमान अस्पताल, बेस अस्पताल, ए0एम0सी0...