चौंदहवी का चाँद हो, छू लेने दो नाजुक होंठो को, बीते हुए लम्हों को कसक साथ तो होगी आदि लाजवाब गीतों के संगीतकार मैरून कमीज में रवि साहेब के साथ नवम्बर २००९ में गोवा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में सफ़ेद कमीज में मुकेश नादान
नमक हिंदुस्तान का खाते रहिये पाकिस्तान जिंदाबाद नारा लगाते रहिये कश्मीर है हमारा इसे छीन न सकोगे लड़िये हर बार और मुह की खाते रहिये ............ हम पत्थर नहीं हर वक़्त मददगार है भूकंप हो या बाढ़ आजमाते रहिये ......................... दुश्मनी करके हो जाओगे तबाह एक दिन चीन के झांसे में यूँ न आते रहिये ....................... दौर है कठिन इतराना छोड़ दे कबूल कर मदद माथे से लगाते रहिये ....................
न नक्सल से खतरा है न डर है आतंकवाद से देश मेरा बर्बाद हो गया भाई भतीजावाद से .............. डिग्री लेकर देशभक्त बन बैठा है संतरी अनपढ़ बीवी को नेता जी बना बैठे मुख्यमंत्री किसी ने चारा बेच दिया कोई कमाया यूरिया खाद से .......देश मेरा बर्बाद ................ चपरासी बन ने के खातिर आठवां पास जरूरी बिना पढ़े लिखे बने मंत्री ऐसी क्या मजबूरी यमराज जी हमें बचा लो नेता रुपी जल्लाद से ...................देश मेरा बर्बाद ...................
पैसे की खातिर ईमान बेच देंगे पहले जमी फिर आसमान बेच देंगे तालीम की कीमत पर घर न सजाना वर्ना बाद तेरे बच्चे सब सामान बेच देंगे ए कलम के सिपाहियों जागते रहना ये जनता के सेवक हिंदुस्तान बेच देंगे ए खुदा आज ही दे दे मौत मुझको कल समाज के ठेकेदार शमशान बेच देंगे