किस्मत
हम जमी तुम आसमान हो गए
एक दूजे से कितने अनजान हो गए
बी ऐ करके हम सरकारी बाबु बने
तुम अनपढ़,मंत्री बन महान हो गए ........
उम्र गुज़र गयी मेरी किरायेदारी में
कैसे तुम्हारे अपने मकान हो गए
जिस गाँव की मिटटी ने पाला है तुमको
क्यों शहर आकर उससे अनजान हो गए ..........
क्यों न डरे भूत अब इंसानों से
शहर के बीच अब शमशान हो गए...............
लगता है क़यामत आने वाली है
पुजारी की गिरफ्त भगवान हो गए..........
अब इंसानों की हिफाज़त हो कैसे
खुद मंदिर से चोरी भगवान हो गए............
नादान बेगुनाह साबित न हो सका
गवाह दौलत के आगे बेजुबान हो गए.........................
एक दूजे से कितने अनजान हो गए
बी ऐ करके हम सरकारी बाबु बने
तुम अनपढ़,मंत्री बन महान हो गए ........
उम्र गुज़र गयी मेरी किरायेदारी में
कैसे तुम्हारे अपने मकान हो गए
जिस गाँव की मिटटी ने पाला है तुमको
क्यों शहर आकर उससे अनजान हो गए ..........
क्यों न डरे भूत अब इंसानों से
शहर के बीच अब शमशान हो गए...............
लगता है क़यामत आने वाली है
पुजारी की गिरफ्त भगवान हो गए..........
अब इंसानों की हिफाज़त हो कैसे
खुद मंदिर से चोरी भगवान हो गए............
नादान बेगुनाह साबित न हो सका
गवाह दौलत के आगे बेजुबान हो गए.........................
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