रविवार, फ़रवरी 28, 2010

कैसी होली

न वो गले मिलना न वो प्यार दिखाई देता है
शहर में है दोस्त पर मोबाइल पर बधाई देता है
छीन लिया है बचपन कॉपी और किताबों ने
बच्चों के मुह से हैप्पी होली सुनायी देता है............

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