सुनी हुई सड़कें सारी, आना जाना बन्द हुआ, तन से उतरी न खाकी, और न थाना बन्द हुआ, यूॅ ही नही कहते हैं लोग, धरती का भगवान इन्हें, मन्दिरों मेें ताले लगे, पर ना दवाखाना बन्द हुआ, जान जोखिम में डालकर , पूरा देश सम्भालें हैं, महामारी में सफाईवालों का, ना फर्ज निभाना बन्द हुआ, मदद गरीबों की करने को, सरकार भी आगे आ गयी, काम बढ़ा स्टाफ नही , ना बैंकों का खजाना बन्द हुआ बिजली वाले भी डटे रहे, गैस वाले भी लगे रहे, टी वी चैनल भी मुस्तैद रहे, अखबार ना आना बन्द हुआ, अफसर भी सतर्क दिखे, भोजन राशन बाॅट रहे, सोशल मीडियाबाजों का, ना इल्जाम लगाना बन्द हुआ, आटा की दिक्कत हुई पर, डाटा खूब भरपूर मिला, रामायण दिखा दूरदर्शन का, ना पुण्य कमाना बन्द हुआ, नादान यह समझ लो तुम लाॅकडाउन में घर में रहना है गया नही कोरोना अभी ना यमराज का आना बन्द हुआ ।